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Shri Hanumajjayanti
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श्री हनुमज्जयन्ती का संक्षिप्त इतिहास

श्री हनुमज्जयन्ती का प्रारंभ सन् 1968 में बाल-बिहार के प्रांगण से हुआ | लेकिन जयन्ती की प्रारंभिक नींव कई वर्षों पूर्व जयन्ती के संस्थापक सदस्यों के हृदय में रखी जा चुकी थी |


 
हनुमज्जयन्ती उत्सव

समस्त भारत में श्री हनुमान जयन्ती उत्सव बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है| यह उत्सव श्री हनुमान जी के जन्मदिवस के अवसर पर मनाया जाता है| हनुमान जी श्री राम के अनन्य भक्त हैं तथा ऊर्जा, शक्ति एवं भक्ति के प्रतीक माने जाते हैं| ऐसा माना जाता है कि श्री हनुमत् जयन्ती के दिन राम-नाम का जाप और हनुमत् भक्ति करने से श्री हनुमान जी हमारी सारी परेशानियों को हर लेते हैं और हमारा हर कार्य सिद्ध करते हैं|


 
विदेशों में श्री हनुमान जी के प्रसिद्ध मन्दिर

यूँ तो पूरी दुनिया में जहाँ पर भी हिन्दू मंदिर है उनमें छोटी ही सही पर श्री हनुमान जी की मूर्ति होती ही है| किन्तु, मुख्य रूप से केवल "श्री हनुमान जी" के मंदिर लगभग न के बराबर हैं| परन्तु फिर भी दुनिया के कई इलाकों में, श्री हनुमान जी के भव्य मंदिर एवं दर्शन स्थल निर्मित हैं|

 

 

 
 
झलकियाँ
 
आयोजन
 
 
 
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